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विधानसभा चुनाव 2023 अस्पष्ट संभावनाएँ – भाग -1

भाजपा एवं कांग्रेस के एक एक प्रत्याशी चयन में होगी सावधानी

सिवनी 14 अप्रैल 2023
सिवनी यशो:- आगामी नबंवर माह में विधानसभा चुनाव होना है । चुनाव के लिये लगभग छै माह का समय शेष रह गया है प्रदेश में होने वाले चुनाव भाजपा एवं कांग्रेस के लिये बेहद महत्वपूर्ण है तो वहीं आम आदमी पार्टी भी प्रदेश में दस्तक दे रही है असदुद्दीन ओवैसी की पाटी ए आई एम आई एम भी कुछ विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी मैदान मेंं उतार सकती है । गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, बसपा, सपा सहित अन्य राजनैतिक दल भी चुनाव मैदान मेंं रहते है परंतु मध्यप्रदेश की राजनीति में अभी तक भारतीय जनता पार्टी एवं नेशनल कांग्रेस ही मुख्य राजनैतिक दल के रूप में चुनाव लड़ते रहे हे अन्य किसी तीसरे दल की भूमिका केवल राजनैतिक क्षेत्र में चुनावी समीकरणों को प्रभावित करने वाली रही है आम आदमी पार्टी मध्यप्रदेश में जिस ताकत से पूरे 230 विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी उतारने की बात कर रही है वैसी तैयारी अभी कुछ दिखाई नहीं दे रही है । भाजपा – कांग्रेस दोनों राजनैतिक दल प्रत्याशियों का चयन बहुत सावधानी से करेंगे दोनों के लिये एक एक सीट महत्वपूर्ण रहेगी और दोनों राजनैतिक दल पिछले परिणाम से इस बात को समझ गये है कि एक एक सीट का कितना महत्व होता है । पिछले विधानसभा चुनाव के परिणाम में कांग्रेस को 114 सीटे मिली थी जबकि भाजपा को 109 सीटे शेष 07 सीटे अन्य के खाते में थी ।

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की अहम भूमिका 

  
सवनी जिले की चार विधानसभाओ में से अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिये आराक्षित दो विधानसभा क्षेत्र लखनादौन एवं बरघाट कांग्रेस के पास है और जिले की दोनों सामान्य सीटों सिवनी एवं केवलारी पर भाजपा का कब्जा है । जिले की चारों विधानसभाओं में आदिवासी मतदाताओं की बड़ी संख्या है परंतु वोटों का विभाजन होता है तथा आदिवासी मतदाताओ ंका बड़ा हिस्सा मिलने के बाद भी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अपनी जीत दर्ज नहीं करा पाती । भाजपा एवं कांग्रेस के प्रतिबद्ध आदिवासी मतदाताओं एवं अन्य वर्गो के मतदाताओ के वोटों का बड़ा हिस्सा भाजपा एवं कांग्रेस के पक्ष में जाता है ।

गोंगपा और कांग्रेस मे संभावित समझौते का मसौदा

कांग्रेस पार्टी मध्यप्रदेश में अपनी सरकार बनाने के वे सारे प्रयास कर रही है जो उसे सत्ता के सिंहासन तक ले जाने में सहायक सिद्ध हो इसी प्रयास के तहत कांग्रेस गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से गठबंधन की कोशिश भी कर रही है और जानकारी के अनुसार गोंंडवाना के प्रदेश स्तरीय एवं राष्ट्रीय नेताओं से इस संबंध में चर्चा को भी अंतिम देने के प्रयास हो रहे है परंतु गोंडवाना के कुछ नेताओं का मानना है कि कांगेे्रस की बैसाखी से तात्कालिक लाभ तो होगा परंतु गोंडवाना के अस्तित्व पर संकट बन सकता है । जानकारी के अनुसार गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सिवनी जिले की दो विधानसभाएँ मांग रही है । वहीं कांग्रेस दोनों आरक्षित सीटों पर कांग्रेस के काबिज विधायक वाली सीटे देने के पक्ष में नहीं है । जिला मुख्यालय की सीट शायद ही कांग्रेस समझौते में दे परंतु इस संभावना से इंकार भी नहीं किया जा सकता क्योंकि 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस मुख्यालय की सीट एनसीपी को दी चुकी थी परंतु बाद में समझौते को तोड़कर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी के रूप में प्रसंन्नचंद मालू को चुनाव लड़ा दिया था हालांकि उस चुनाव में कांंग्रेस की स्थिती बहुत खराब रही और भाजपा की श्रीमती नीता पटेरिया चुनाव में सम्मानजनक वोटों से विजयी रही ।

तब ठाकुर रजनीश सिंह होंगे सिवनी से प्रत्याशी

अब शेष सीट बचती है केवलारी गोंडवाना यदि एक सीट पर कांग्रेस से समझौता करती है तो केवलारी विधानसभा गोंडवाना के खाते में जा सकती है परंतु यह विधानसभा कांगे्रस का गढ़ रही है 2018 के चुनाव में कांग्रेस की पराजय का कारण भाजपा की कुशल रणनीति रही है और कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व विधायक रजनीश हरवंश सिंह ठाकुर जीत के प्रति चुनाव के दौरान इतने अधिक आशांवित होगये थें कि वे ऐसा मान रहे थे कि भाजपा ने उनके सामने बहुत कमजोर प्रत्याशी दिया है परंतु भाजपा के प्रत्याशी राकेश पाल सिंह जिस कुशलता से चुनाव लड़ा उसकी भाजपा को भी उम्मीद नहीं थी । कांग्रेस और गोंडवाना के बीच समझौता होने की वैसे तो कोई उम्मीद नहीं है परंतु यदि हुआ तो केवलारी विधानसभा सीट कांग्रेस गोंडवाना को दे सकती है और यदि केवलारी विधानसभा सीट समझौते में चली जाती है तो ठाकुर रजनीश सिंह चुनाव लड़ेंगे कहाँ से संभव है ऐसी स्थिती में वे सिवनी विधानसभा से प्रत्याशी हो । क्रमश:

Dainikyashonnati

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