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19 राजपूत रेजीमेंट से सेना के जवान सतीश राजपूत की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत

सिवनी यशो:- विगत दिन 9 जून को बरघाट सालई निवासी सेना के जवान सतीश सिंह राजपूत (19 रेजीमेंट) की एक सड़क हादसे में दर्दनाक मौत हो गई। मातृ शक्ति संगठन को ये सूचना कल जबलपुर सेना हेडक्वार्टर से दी गई। इस दु:खद खबर की सूचना मिलते ही संगठन अपनी यूथ विंग के साथ ग्राम सालई पहुँचा जहाँ फौजी भाई के पिता बलवंत सिंह माता गीता एवं पत्नी राधिका का रो रो कर बुरा हाल था। फौजी भाई की ढाई वर्षीय इकलौती पुत्री पाविका इस बात से अनभिज्ञ है कि उसके पापा इस दुनियां से विदा ले चुके हैं। इसीलिए वो अपने पापा के पार्थिव शरीर पर बार बार गुलाल लगाती तो कहीं फूल डाल कर बोलती उठो ना पापा। अपने जींवन के 10 वर्ष भारतीय सेना में रहकर सतीश भाई ने देश की सेवा को दिए हैं। अभी वो अपने छोटे भाई अमन की शादी को धूमधाम से करने पुलवामा से अपने गांव पहुँचे थे।
ज्ञात हो कि छोटे भाई अमन भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। भाई की शादी को निपटाकर सतीश भाई 10 जून को वापस पुलवामा अपने कर्तव्य पथ पर जाने की तैयारी कर चुके थे इसी दौरान किसी काम को निपटाने वो पत्नी से बोलकर निकले की बस 2 मिनिट में आता हूँ किसको पता था कि उनका 2 मिनिट कभी पूरा नहीं होगा। पत्नी राधिका यही कह कह कर बार बार अपने होश खो देती हैं और अपने पति के पार्थिव शरीर से कहती हैं कि 2 मिनिट हो गया है अब तुम वापस आ जाओ। सतीश भाई की शादी को अभी महज 4 वर्ष ही हुए थे।
जबलपुर से आई त्रक्रष्ट की टीम ने फौजी जवान को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई दी। जिसमें संगठन भी शामिल हुआ एवं सैनिक वेलफेयर ऑफिस से श्री हृस् चौहान बरघाट टी आई प्रसून शर्मा , तहसीलदार , एवं सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण भी एकत्रित हुए। हमेशा की तरह संगठन के नियमानुसार गार्ड ऑफ ऑनर देने आए टीम का संगठन कार्यालय में तिलक वंदन कर आरती उतारी गई। हमेशा की तरह संगठन द्वारा सेना के स्वागत में की भव्य तैयारी से इस टीम में आये कुछ ग्रेनेडियर्स की आंखों में आँसू आ गए और उन्होंने कहा कि आप लोगों ने तो हम लोगो को मां की याद दिला दी।
संगठन अध्यक्ष सीमा चौहान ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनके माता पिता परिवार के अलावा भी भारत देश मे उनकी कद्र करने वाले और उन्हें सम्मान देने वाले सैकड़ो लोग हैं इसीलिए वो कतई निराश ना हों। ये देश जानता है कि हमारी सुकून की सांसें देश के सुरक्षा बलों की ही देन है। संगठन से विजयी भव: का आशीर्वाद ले कर त्रक्रष्ट टीम वापस जबलपुर की ओर रवाना हो गई।

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