मध्यप्रदेशसिवनीहेल्थ

बच्चों की मौत का सिलसिला जारी, संदिग्ध कफ सिरप पर उठे सवाल

30 दिनों में 9 मासूमों की मौत, हजारों बच्चों की स्क्रीनिंग जारी – नागरिकों ने मिलावटी दवाओं पर तत्काल प्रतिबंध की मांग की

Seoni 03 October 2025

छिंदवाड़ा/सिवनी यशो :- मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में किडनी फेलियर से हो रही बच्चों की मौतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, पिछले 30 दिनों में 9 मासूमों ने दम तोड़ा है। बुधवार को नागपुर में इलाजरत एक और बच्चे की मौत के बाद यह आंकड़ा 9 पर पहुंच गया।

जांच में सामने आया है कि कई बच्चों को जिन कफ सिरप की डोज दी गई, उनमें अवैध औद्योगिक सॉल्वेंट जैसे डाइएथिलीन ग्लाइकोल व ब्रेक ऑयल के सॉल्वेंट मिलने की आशंका जताई गई है। यही कारण है कि कई जिलों में इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगी, जबकि अन्य जिलों में अब भी ये सिरप खुलेआम बिक रहे हैं।

1,400 बच्चों की स्क्रीनिंग, रोजाना 120 की जांच

परासिया एसडीएम सौरभ कुमार यादव ने बताया कि प्रशासन अब तक 1,400 बच्चों की स्क्रीनिंग कर चुका है। रोजाना करीब 120 बच्चों की जांच की जा रही है, ताकि संभावित मामलों की पहचान कर इलाज समय रहते हो सके।

डॉक्टरों और दवा दुकानों पर सवाल

मामले में परासिया ब्लॉक के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण सोनी और डॉ. अमन सिद्दीकी का नाम सामने आया है। जानकारी के अनुसार, डॉ. सोनी के परिवार के लोग ही मेडिकल स्टोर चलाते हैं जहां यह संदिग्ध दवा उपलब्ध थी। जिन दवाओं पर संदेह जताया गया है उनमें कोल्ड्रिफ (कीमत ₹89) और नेक्सा डीएस (कीमत ₹75) शामिल हैं।

मासूमों की मौत ने तोड़ा परिवारों का सहारा

उसेद के पिता यासीन ने बताया – “बेटे को बचाने के लिए हमने सब कुछ बेच दिया, लेकिन किस्मत ने उसे हमसे छीन लिया। अब बस यही दुआ है कि कोई और पिता यह दर्द न झेले।”

इसी तरह आफरीन परवीन के पांच वर्षीय बेटे अदनान और

अमित सोनी के चार वर्षीय बेटे हितांश ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

इन परिवारों की पीड़ा ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है।

विधायक ने मांगा मुआवजा

परासिया विधायक सोहन वाल्मीकि ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग की है

नागरिकों की प्रशासन से अपील

सिवनी के जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार खुराना ने प्रशासन से मिलावटी दवाओं पर “शून्य सहिष्णुता की नीति” अपनाने की मांग की है।

उन्होंने छह प्रमुख कदम सुझाए हैं :

1. संदिग्ध कफ सिरप पर तत्काल प्रतिबंध लगाकर वितरण नेटवर्क की जांच।

2. मेडिकल स्टोर्स, होलसेल विक्रेताओं और गोदामों की सघन तलाशी।

3. दोषी निर्माताओं और वितरकों पर कठोरतम कार्रवाई।

4. अस्पतालों में आपात प्रोटोकॉल और डायलिसिस की विशेष व्यवस्था।

5. स्वास्थ्य विभाग द्वारा हेल्थ अलर्ट जारी कर जनता को जागरूक करना।

6. पुलिस व एफडीए की संयुक्त जांच टीम गठित करना।

जनता की मांग – “मासूमों की जान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं”

लगातार हो रही मासूमों की मौत ने जिले भर में आक्रोश पैदा कर दिया है।

नागरिकों का कहना है कि-

दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई होनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाए कि-

आगे किसी मासूम की जान मिलावटी सिरप के कारण न जाए।

https://www.aajtak.in/india/news/video/rajasthan-claims-of-children-deaths-due-to-free-cough-syrup-ytvd-2346018-2025-10-01

Dainikyashonnati

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!