Chhindwara 29 June 2025
छिंदवाड़ा यशो:- शहर से लगे झंडा गांव की हरी-भरी पहाडिय़ों में इन दिनों रात के अंधेरे में अवैध उत्खनन का खेल खुलेआम चल रहा है। ग्रामीणों की माने तो यहां हर रात दर्जनों डंपर मुरम भरकर बाहर ले जाए जाते हैं, जिससे न केवल प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है, बल्कि स्थानीय वातावरण भी प्रभावित हो रहा है।
रात में चलता उत्खनन, दिन में विभाग मौन
सूत्रों के अनुसार, यह पूरा काम खनिज विभाग के अधिकारियों की शह पर हो रहा है। बताया जा रहा है कि विभाग के एक चर्चित अधिकारी को मोटी रकम देकर इस अवैध गतिविधि को अनदेखा करने के लिए अनुमति ले ली गई है। यही वजह है कि ग्रामीणों की कई बार की गई शिकायतों के बाद भी अभी तक दीपक ओर पाल सहित अन्य पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।वीस्थानीय लोगों ने इस अवैध उत्खनन के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई है। उन्होंने जिला प्रशासन और खनिज विभाग को शिकायत पत्र देकर मांग की है कि तत्काल प्रभाव से इस अवैध गतिविधि पर रोक लगाई जाए और दोषी अधिकारियों व माफिया तंत्र पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
भ्रष्ट गठजोड़ का खुला खेल?
झंडा गांव की पहाड़ी क्षेत्र न केवल जैव विविधता से समृद्ध है बल्कि वर्षा जल संचयन और पर्यावरणीय संतुलन में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। यदि इसी तरह पहाडिय़ों का दोहन होता रहा तो आने वाले समय में यह क्षेत्र सूखा और भू-स्खलन जैसी आपदाओं का केंद्र बन सकता है।
अब बड़ा सवाल यह है कि जब ग्रामीण और आसपास के लोग इस अवैध उत्खनन को देख व महसूस कर रहे हैं, तो जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर क्यों बैठे हैं? क्या खनिज विभाग की चुप्पी उस भ्रष्ट गठजोड़ की पुष्टि नहीं करती जिसकी चर्चा आम लोगों में जोरों पर है।



