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नशाखोरी, जुंआ – सट्टा के अनैतिक कारोबारियों के जाल में फंसकर युवा हो रहे बर्बाद

सिवनी यशो:- जिले मे जिस तेजी से अनैतिक व्यापार बढ रहा है, वह जिले की शांति व्यवस्था के लिये उचित नही है, आने वाला समय बेहद असुरक्षा के साथ ही कष्टकारी होने के संकेत दे रहा है, जिले मे पुलिस की चाकचौंबंध व्यवस्था के बावजूद नशाखोरी, अशिष्टता, सट्टाबाजी, जुंआखोरी, सहित अन्य प्रकार के अनैतिक कारोबार ने जिले की युवा पीढी के लिये अभिशाप साबित हो रहे हैं, यह कहने मे भी कोई संकोच नही होता है कि, वर्तमान समय के अनुरूप पुलिस व्यवस्था तकनीकी रूप से भी कमजोर है, सीमित संसाधनो और व्यवस्थाओ के आधार पर संभव है, पुलिस ऐसे अनैतिक कारोबारियों पर नकेल कसने का काम करती हो, परंतु जिस तरह से जिले मे अनैतिक कारोबारी सक्रिय हैं, वह पुलिस विभाग की असक्षमता का प्रदर्शन ही कर रहा है।
यहां बतादें कि, जिले के युवाओं मे अपनी पारिवारिक, आर्थिक क्षमताओ से अधिक ग्लैमर दिखाने की बढती प्रवृत्ति ने भी कठिनाईयां पैदा की हैं, वहीं अनैतिक रूप से धन कमाने की चाहत रखने वाले व्यक्तियों ने युवाओं को अपने व्यवसायिक जाल मे फंसाकर उन्हें आकर्षित कर रहे हैं, क्रिकेट का सट्टा, जुंआ, शराबखोरी, और बहुत बडी जानकारी यदि सत्य है तो जिले मे सूखे नशे का व्यवसाय भी तेजी से फलफूल रहा है, और इस प्रकार की अनैतिक गतिवधियों मे फंसने वाले युवाओं ने अपने परिवार को आर्थिक संकट मे डालने का महापाप करने की ओर प्रवृत्त हो जाते हैं। इस प्रकार के कृत्यो मे फंसकर जब युवाओं का काम जेब खर्च से नही चलता, तो वे कर्ज लेने का काम करते हैं, और जो व्यक्ति ऐसे अनैतिक कृत्यो मे शामिल कराने मे सहायक होते हैं, वे भी फंसे हुए व्यक्ति का दोहन ही करते हैं, और जब युवा एकदम आदतन हो जाते हैं, तो वे कर्ज सहित आपराधिक गतिविधियो मे भी शामिल होने से नही हिचकिचाते, युवाओं मे बढ रही नशाखोरी और जुंऐ सट्टे का आकर्षण उनके जीवन को तबाह करने वाला सिद्ध होता है, इसके साथ ही वह अपने परिवार के लिये बडी मुसीबत का कारण बन जाते हैं।
अनेक परिवारों मेे ऐसे युवाओं ने तबाही का तूफान खडा कर दिया है, परिवारों की जमापूंजी तबाह हो गई, और अनेक परिवार के युवाओं ने कर्ज के बोझ मे दबकर आत्मघाती कदम भी उठा लिये है, पिछले कुछ वर्षो मे ही ेऐसे आत्मघाती कदम उठाने वाले युवाओं की संख्या सैंकडो मे पहुंच चुकी है, भले ही यह सरकारी रिकार्डो मे ना हो, परंतु यह हकीकत से कहीं दूर नही है। और ऐसे व्यापार करने वाले कुछ व्यक्ति ही आसामी हुए होंगे, परंतु हजारों परिवार ऐसे अनैतिक व्यापार करने वालो के कारण तबाह हो चुके हैं, अनेक युवाओं ने जहां परिवारो को आर्थिक रूप से बर्बाद किया है, और आत्मघाती कदम उठाये है, वहीं उनके अनेक परिजनो ने संकट आने पर अपने प्राण त्याग दिये हैं, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को जिले मे बढ रही अनैतिक गतिविधियों पर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए कठोर कार्यवाही सुनिश्चित करना चाहिये, अन्यथा युवा पीढी की बर्बादी के साथ आपराधिक गतिविधियों का सरगना बढते जायेगा।
इस प्रकार की अनैतिक गतिविधियों के संचालन से ब्याज माफियाओं ने भी इस आपदा को अपना अवसर बना लिया है, और मुसीबत मे फंसे युवाओ और उनके परिवारों को कर्ज देकर मोटा ब्याज बसूल कर रहे हैं, ऐसे ब्याज माफियाओं पर भी कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित की जाना चाहिये।

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