दर्द से ध्यान तक: ब्रह्माकुमारीज में सड़क दुर्घटना पीड़ितों की स्मृति में अनूठा आध्यात्मिक आयोजन
दुर्घटना किसी की गलती नहीं, हानि पूरी मानवता की - मेडिटेशन और सकारात्मक सोच ही है सच्चा समाधान
Seoni 25 November 2025
सिवनी यशो:- सड़क दुर्घटनाओं में किसी की भी गलती हो, लेकिन हानि हमेशा मानवीय रिश्तों की होती है। जिंदगी भर साथ निभाने वाले अपने अचानक छिन जाते हैं, और वह पीड़ा परिजनों की सांसों में बस जाती है। इन्हीं भावनात्मक घावों को मरहम देने और समाज में सकारात्मक सोच का संचार करने के उद्देश्य से ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, लोनिया रोड स्थित शांति शिखर परिसर में विश्व सड़क हादसा स्मृति दिवस पर एक अनूठा आध्यात्मिक और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, यातायात विशेषज्ञ, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ित परिवार एवं अनेक संवेदनशील नागरिक शामिल हुए।
जिला प्रभारी ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी ने कहा —
“जब मन असंयमित होता है, तो गति केवल वाहन की नहीं, विचारों की भी बढ़ जाती है।
दुर्घटनाओं से बचाव सिर्फ ट्रैफिक नियमों से नहीं,
बल्कि समर्थ (सक्षम) मन से होता है,
और समर्थ मन आध्यात्मिक साधना और ईश्वर स्मरण से ही प्राप्त होता है।”
यातायात थाना प्रभारी विजय बघेल ने लोगों को नियमों के पालन की महत्वपूर्ण सीख देते हुए कहा —
“हेलमेट, सीट बेल्ट और सीमित गति—
ये सिर्फ नियम नहीं, बल्कि जिंदगी बचाने वाले सुरक्षा कवच हैं।”

पूर्व यातायात थाना प्रभारी सुरेश अग्निहोत्री ने जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि —
“सड़क सुरक्षा केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
नियम पालन से हम खुद को ही नहीं, दूसरों की भी जिंदगी सुरक्षित रखते हैं।”
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित जेसीबी ऑपरेटर संघ अध्यक्ष दीपू कनौजिया ने सामुदायिक सहभागिता को सड़क सुरक्षा का आधार बताया।
राष्ट्रीय स्तर की गीता प्रवचनकार ब्रह्माकुमारी गीता दीदी ने कहा —
“मन शांत होगा तो ड्राइव भी सुरक्षित होगी। मेडिटेशन सिर्फ साधना नहीं, बल्कि जीवन रक्षक अभ्यास है।”
उन्होंने एक प्रेरक कविता भी सुनाई, जिसने उपस्थित लोगों की आंखें नम कर दीं।
ब्रह्माकुमारी रामेश्वरी दीदी ने सामूहिक मेडिटेशन द्वारा दुर्घटना पीड़ितों एवं
उनके परिवारों के लिए शांति और संबल का संदेश भेजा।
कार्यक्रम का भावनात्मक संचालन ब्रह्माकुमारी नीतू दीदी ने किया।
मुख्य संदेश—
“वाहन की गति नहीं, मन की स्थिरता जीवन बचाती है”


