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तत्कालीन मुख्य सचिव ने सुझाव पर ध्यान नहीं दिया, इसलिय उत्पन्न हुआ पेयजल संकट – डां. बिसेन

वाटर हारवेस्टिंग की राशि ली जाती है पर की नहीं जाती, इसे अनिवार्य करने पूर्व सांसद ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
विभिन्न समस्यों को लेकर डॉ. बिसेन एवं प्रतिनिधि मंडल ने की कलेक्टर से चर्चा

Seoni 22 April 2025

सिवनी यशो:- सिवनी शहर में पर्याप्त जलापूर्ति हेतु संजय सरोवर बांध भीमगढ़ से पानी लाकर सप्लाई करने हेतु दो-दो जलावर्धन योजना एक प्रदेश सरकार से एक केन्द्र सरकार से स्वीकृत की गई। डीपीआर में तकनीकी खामियां होने से एवं कुछ विभागीय लापरवाहियों के चलते इस वर्ष शहर में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया। पूर्व में भी ऐसे जल संकट की आहट को देखते हुए कुछ सुझाव दिए गये किंतु कोई ध्यान नहीं दिया गया जिसका परिणाम शहर की जनता को भुगतना पड़ा। यदि बबरिया तालाब एवं जल निगम से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई होती तो आज शहर बूंद-बूंद के लिए मोहताज होता। यह बात पूर्व सांसद एवं मंत्री डॉ. ढालसिंह बिसेन ने जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन से भेंट के दौरान कही एवं इस संदर्भ में तथा राजस्व के संदर्भ में मुख्यमंत्री के नाम दो पत्र सौंपे। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता वेदसिंह ठाकुर, पूर्व जिलाध्यक्ष सुदर्शन बाझल एवं भाजपा नेता रमेश तिवारी भी उपस्थित थे।

पानी की समस्या का बड़ा समाधान है वाटर हारवेस्टिंग

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नाम जिला कलेक्टर को सौंपे गये पत्र में डॉ. बिसेन द्वारा उल्लेख किया गया कि जब माचागोरा जलाशय पेंच परियोजना की नहरों का निर्माण किया जा रहा था तब मेरे द्वारा सुझाव दिया गया था कि माचागोरा का पानी ग्राम नगझर, कोहका, कंडीपार या जहां भी संभव हो नहर या इंटरवेल के माध्यम से बबरिया जलाशय में डाला जाये, किंतु तत्कालीन प्रमुख सचिव पंकज अग्रवाल द्वारा इस सुझाव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। यदि इस सुझाव पर ध्यान दिया जाता तो सिवनी शहर में वर्तमान में जो जल संकट की स्थिति सामने आई है वह विषम परिस्थिति नहीं आती। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष ग्रीष्मकाल प्रारंभ होने के साथ ही संजय सरोवर जलाशय का जल स्तर कम हो गया जिससे शहर में पानी का संकट उत्पन्न हो गया। भविष्य में ऐसी विषम परिस्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए जरूरी है कि नहर या इंटरवेल से माचागोरा जलाशय पेंच परियोजना का पानी बबरिया तालाब में छोडऩे की कार्ययोजना पर ध्यान दिया जाये।

आम की फसल को राजस्व परिपत्र 6-4 में शामिल किया जाना चाहिये

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में डॉ. बिसेन ने ध्यान आकृष्ट कराया कि आने वाले समय में केवल सिवनी जिले में ही नहीं वरन प्रदेश के अनेक जिलों में जल संकट की समस्या गंभीर रूप से सामने आयेगी। ऐसी गंभीर समस्या से बचने के लिए नगरीय निकायों द्वारा भवन निर्माण अनुज्ञा के दौरान हारवेस्टिंग के लिए 10 हजार रूपये की राशि जमा तो कराई जाती है किंतु कहीं पर भी वाटर हारवेस्टिंग नहीं की जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वाटर हारवेस्टिंग अनिवार्य रूप से करवाने के निर्देश जारी किये जाये। इसी तरह डॉ. बिसेन ने मुख्यमंत्री से राजस्व परिपत्र 6-4 अंतर्गत आम की फसल को शामिल किये जाने की मांग करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश शासन के राजस्व परिपत्र 6-4 में प्राकृतिक आपदा से आम के नुकसान पर मुआवजे का प्रावधान न होने के कारण आम उत्पादक किसानों को भारी आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि प्रदेश का किसान अब आम की फसल लगाने से पीछे हटने लगा है।

काम प्रारंभ नहीं होगा तो फिर हो जायेगा अतिक्रमण

प्रतिनिधि मण्डल द्वारा भेंट के दौरान जिला कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन को पुरानी फुटकर सब्जी मंडी को अन्यंत्र स्थापित करने का सुझाव देते हुए शहर में जगह जगह अतिक्रमण कर छोटे छोटे सब्जी बाजारों से शहर को अतिक्रमण मुक्त किया जाये तथा उनके भी व्यवसाय का ख्याल रखते हुए नई फुटकर सब्जी मंडी बनायी जाये। वर्तमान में निर्माणाधीन शहर से होकर गुजरने वाली फोरलेन सड़क के साईड सोल्डर हेतु खोदे गये स्थान पर पुन: अतिक्रमण होने लगा है अत: निर्माण एजेंसी से खोदी हुई जगह में सड़क निर्माण का कार्य तुरंत कराया जाये अन्यथा पुन: प्रशासन को अतिक्रमण हटाने की मशक्कत करनी पड़ेगी और खोदी हुई जगह बरसात में आम आदमी के दुर्घटना का कारण भी बनेगी।

Dainikyashonnati

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