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🩺 किडनी फेल होने से छिंदवाड़ा में 10वें बच्चे की मौत, परासिया क्षेत्र में गहराया संकट

प्रशासन के रिकॉर्ड से दो बच्चों के नाम गायब, सरकार से जांच और मुआवज़े की मांग तेज

Chhindwara 04 October 2025
छिंदवाड़ा यशो:- जिले के परासिया क्षेत्र में किडनी फेल होने से बच्चों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।

एक माह के भीतर अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार की रात बड़कुही निवासी 8 वर्षीय योजिता ठाकरे की नागपुर के निजी अस्पताल में मृत्यु हो गई।

स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड में 9 बच्चों के नाम दर्ज हैं, जबकि पगारा क्षेत्र के डुड्डी गांव के 7 वर्षीय दिव्यांश चंद्रवंशी और परासिया वार्ड क्रमांक 9 की 18 माह की श्रेया यादव का नाम अभी तक विभागीय सूची में शामिल नहीं है।

मृत बच्चों की पूरी सूची

मृत बच्चों में —
खजूरीअंतु की 14 माह की संध्या, न्यूटन चिखली का 5 वर्षीय अदनान खान,

उमरेठ का 5 वर्षीय हेतांश सोनी,

परासिया वार्ड 5 का 4 वर्षीय उसैद,

बाघ बर्दिया का 4 वर्षीय शिवम राठौर,

बेलगांव की विधि,

सेठिया की 5 वर्षीय रिषिका पिपरे,

गायगोहान के चंचलेश और

दीघावानी के 4 वर्षीय विकास यदुवंशी के नाम शामिल हैं।

🗣️ “शासकीय खर्चे पर बड़े अस्पताल में इलाज कराया जाए” — ताराचंद बावरिया

परासिया क्षेत्र में लगातार हो रही मौतों पर भाजपा के पूर्व विधायक ताराचंद बावरिया और जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अरुण कपूर ने पत्रकार वार्ता में गहरी चिंता व्यक्त की।

छिंदवाड़ा परासिया में किडनी फेल होने से बच्चों की मौत पर भाजपा नेता ताराचंद बावरिया पत्रकार वार्ता में बोलते हुए।
छिंदवाड़ा में किडनी फेल होने से 10वें बच्चे की मौत | परासिया क्षेत्र में मचा हड़कंप | जांच और मुआवज़े की मांग तेज


दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि —

“यदि भविष्य में किसी बच्चे की मृत्यु किडनी फेल होने से होती है तो उसका पोस्टमार्टम अनिवार्य कराया जाए, और बीमार बच्चों का शासकीय खर्चे पर बड़े शहरों के अस्पतालों में इलाज करवाया जाए।”

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा कोल्ड्रीफ और नेस्टो सिरप  DS को बैन किया जाना स्वागतयोग्य है,

लेकिन अब इन सिरप की निर्माता कंपनी से मृत बच्चों के परिवारों को मुआवज़ा दिलवाया जाना चाहिए।

🏥 कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा, 10-10 लाख मुआवज़े की मांग

जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे ने प्रदेश सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि —

“जब पूरा परासिया क्षेत्र शोक में डूबा है, तब सरकार गहरी नींद में है। मृत बच्चों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाए।”

एस.डी.एम. को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए कांग्रेस ने यह भी मांग की कि नागपुर में भर्ती बच्चों को दिल्ली AIIMS में स्थानांतरित कर उनका इलाज कराया जाए।

कांग्रेस विधायक सोहन बाल्मिकी ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व सांसद नकुलनाथ ने निरंतर हो रही इन मौतों पर गहरी संवेदना व्यक्त की है और गंभीर जांच की मांग की है।

ज्ञापन सौंपने वालों में —

राजीव तिवारी,

कमल राय,

जमील खान,

गोविंद राय,

हरिप्रसाद यदुवंशी,

अनुपमा राय,

भरत डेहरिया सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

📢 स्वास्थ्य विभाग का बयान

प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी धीरज दावंडे ने कहा —

“अब तक 10 बच्चों की मौत किडनी फेल होने से हुई है। दो बच्चों की मौत की जानकारी विभाग के पास औपचारिक रूप से प्राप्त नहीं हुई है।”

https://www.youtube.com/watch?v=Pv63jjuZbv0

Dainikyashonnati

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