गरीब नवाज फाउंडेशन ने रचाई मिसाल – उर्स-ए-मुबारक पर 5 गरीब जोड़ों का शरई इज्तिमाई निकाह सम्पन्न
मुफ्ती तौहिद रज़ा साहब ने पढ़ाया निकाह, मुस्लिम समाज की अनुकरणीय पहल
सिवनी यशो:- मजहब और इंसानियत के मेल का अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए गरीब नवाज फाउंडेशन, सिवनी ने उर्स-ए-मुबारक हजऱत नूर अली शाह रह. के पावन अवसर पर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर 5 जोड़ों का शरई इज्तिमाई निकाह सम्पन्न कराया। इस नेक और सराहनीय आयोजन में मुफ्ती तौहिद रज़ा साहब रजवी (ख़तीब-ओ-इमाम, मस्जिद नूर अंबिया) ने इस्लामी रीति अनुसार निकाह पढ़ाया।
सामाजिक एकता और धार्मिक मर्यादा का उदाहरण
इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सूफ़ी समाजसेवी मंज़ूर रज़ा क़ादरी ने बताया कि यह आयोजन विशेष रूप से उन गरीब परिवारों के लिए किया गया, जिनके लिए बेटियों-बेटों के निकाह आर्थिक कठिनाई के कारण वर्षों तक अटके रहते हैं। इस पवित्र दिन पर बिना किसी प्रदर्शन या बोझ के, इन जोड़ों का विवाह पूरी इस्लामी मर्यादा में किया गया।
मुफ्ती, उलमा और समाजसेवियों की गरिमामयी उपस्थिति
निकाह कार्यक्रम में मुफ्ती साजिद सकाफी अशरफ़ी, हाफिज़़ अब्दुल वाहिद अशरफी, हाजी सैय्यद गुलाम हैदर साहब, जुबैर मोहम्मद खान, मोहम्मद उस्मान क़ादरी, मोहम्मद सुलेमान क़ादरी, बाबा भाई यूसुफ पटेल सहित शहर के अनेक समाजसेवी, उलमा और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने आयोजन को “सच्ची इस्लामी समाजसेवा” की मिसाल करार दिया।
उर्स के समापन पर अमन-शांति की विशेष दुआ
कार्यक्रम के समापन पर मुफ्ती तौहिद रज़ा साहब कि़ब्ला द्वारा जिला, प्रदेश और देश में अमन, सौहार्द, गंगा-जमुनी तहज़ीब की सलामती के लिए विशेष दुआ की गई। उन्होंने कहा कि “निकाह केवल दो आत्माओं का मिलन नहीं, बल्कि सामाजिक जि़म्मेदारी है, और जब यह समाज मिलकर निभाए, तो यह इंसानियत की असली सेवा है।”
अन्य समाजों के लिए अनुकरणीय पहल
गरीब नवाज फाउंडेशन की यह पहल न केवल मुस्लिम समाज के भीतर जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि अन्य सामाजिक वर्गों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करती है। ऐसे आयोजनों से यह स्पष्ट होता है कि धर्म और समाज सेवा जब एक साथ चलते हैं, तब परिवर्तन की लहरें उठती हैं।




