10 रुपये की पर्ची पर वर्दी का आतंक, वीडियो वायरल होते ही पुलिस आरक्षक निलंबित
दैनिक यशोन्नति की खबर का असर: वीडियो में खुलेआम बोला—“पूरी दुनिया पुलिस को मानती है, यहां शासन करेगा”
Seoni 25 December 2025
सिवनी यशो:- सिवनी पुलिस आरक्षक निलंबन का मामला उस वक्त तूल पकड़ गया, जब रेलवे स्टेशन परिसर में ₹10 की पर्ची को लेकर वर्दीधारी प्रधान आरक्षक का गाली-गलौज और धमकी भरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
दैनिक यशोन्नति में 24 दिसंबर को खबर प्रकाशित होते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और पुलिस अधीक्षक सिवनी सुनील मेहता ने प्रधान आरक्षक अरुण कुमार दुबे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
यह वही प्रधान आरक्षक है, जिसका गाली-गलौज और खुली धमकी से भरा वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और जिसने आम नागरिक को यह जताने की कोशिश की कि “पुलिस कानून से ऊपर है।”
वीडियो में वर्दी की धौंस, कानून की हत्या
वायरल वीडियो में पुलिस कंट्रोल रूम सिवनी में पदस्थ प्रधान आरक्षक 150 अरुण कुमार दुबे स्पष्ट रूप से कहते सुने जा रहे हैं—
“तू पुलिस को नहीं मानेगा? पूरी दुनिया पुलिस को मानती है।”
“तुझे किसने इतना चढ़ा दिया कि तू पुलिस को नहीं मानेगा?”
“यहां शासन करेगा… मेरी हर जगह चलती है।”
“छिंदवाड़ा में भी गाड़ी खड़ी करता हूं, कई दिन पैसे नहीं लगते।”
वीडियो में न सिर्फ अश्लील गालियां, बल्कि सीधी धमकी और सत्ता की खुली हेकड़ी साफ नजर आती है।
घटना 21 दिसंबर की, खबर 24 को—कार्रवाई 25 को
मामला 21 दिसंबर 2025 का है, जब सिवनी रेलवे स्टेशन स्टैंड पर वाहन खड़ा करने के बदले नियम अनुसार 10 रुपये मांगे गए, तो प्रधान आरक्षक बेकाबू हो गया।
घटना के बाद दैनिक यशोन्नति ने 24 दिसंबर को तथ्यात्मक समाचार प्रकाशित किया, जिसके अगले ही दिन 25 दिसंबर को निलंबन की कार्रवाई सामने आई।
SP ने माना—कृत्य से धूमिल हुई पुलिस की छवि
पुलिस अधीक्षक सुनील मेहता द्वारा जारी आदेश में साफ कहा गया—
“प्रधान आरक्षक के अशोभनीय आचरण से पुलिस की छवि धूमिल हुई है। यह कदाचरण एवं अनुशासनहीनता है।”
इसी आधार पर प्रधान आरक्षक अरुण कुमार दुबे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रक्षित केंद्र सिवनी संबद्ध किया गया।
निलंबन आदेश की मुख्य बातें
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प्रधान आरक्षक अरुण कुमार दुबे निलंबित
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रक्षित केंद्र सिवनी में संबद्ध
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निलंबन अवधि में जीवन निर्वाह भत्ता देय
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5 दिन में प्राथमिक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश
दैनिक यशोन्नति का सवाल—यही है सुशासन?
यह मामला सिर्फ 10 रुपये का नहीं है, यह मामला है—
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क्या वर्दी कानून से ऊपर है?
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क्या आम नागरिक नियम माने और वर्दीधारी खुलेआम धमकाए?
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क्या “मेरी हर जगह चलती है” जैसी सोच पुलिस सिस्टम में अब भी जिंदा है?
दैनिक यशोन्नति ने सवाल उठाया, वीडियो सामने रखा—और नतीजा आया।



