मध्यप्रदेशछिंदवाड़ा

हर्रई बीईओ प्रकाश कालंबे के खिलाफ शिक्षकों का गुस्सा फूटा

150 से अधिक शिक्षक–शिक्षिकाओं ने निकाली विशाल रैली, तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन, उच्च स्तरीय जांच की मांग

Chhindwara 24 December 2025
हर्रई  यशो:- हर्रई विकासखंड में वर्षों से जमे प्रभारी विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) प्रकाश कालंबे के खिलाफ अब शिक्षकों का सब्र टूटता नजर आ रहा है। मंगलवार को लगभग 150 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने एकजुट होकर जुलूस व विशाल रैली निकाली और तहसील कार्यालय पहुंचकर तहसीलदार मोहन अग्रवाल को ज्ञापन सौंपते हुए उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की।

 विडंबना: 15 से अधिक स्कूलों की वित्तीय चाबी एक ही व्यक्ति के हाथ

अब एकलव्य विद्यालय पर भी जमी नजर

शिक्षकों का आरोप है कि हर्रई बीईओ के पास 15 से अधिक शासकीय विद्यालयों का वित्तीय प्रभार वर्षों से एकाधिकार की तरह जमा हुआ है। यह स्थिति न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि भ्रष्टाचार की आशंका को भी मजबूत करती है।
अब हाल ही में निरीक्षण के बाद विवादों में आए एकलव्य विद्यालय का प्रभार भी बीईओ के हाथों में जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

 15 कलेक्टर, 16 सीईओ और 6 सहायक आयुक्त बदले

लेकिन नहीं बदले हर्रई बीईओ

छिंदवाड़ा जिले में एक अनोखा और चौंकाने वाला रिकॉर्ड बन गया है। वर्ष 2010 से अब तक—

  • 15 कलेक्टर

  • 16 जिला पंचायत सीईओ

  • 6 सहायक आयुक्त (आदिम जाति कल्याण विभाग)

बदल चुके हैं, लेकिन हर्रई के प्रभारी बीईओ प्रकाश कालंबे 15 वर्षों से उसी कुर्सी पर ‘अंगद के पैर’ की तरह जमे हुए हैं।

 स्टेनो से सीधे बीईओ!

2010 से आज तक चला ‘जुगाड़ तंत्र’

सूत्रों के अनुसार, प्रकाश कालंबे की मूल नियुक्ति व्यावसायिक व्याख्याता (स्टेनो) के पद पर हुई थी। वर्ष 2010 में सेटिंग और विभागीय जुगाड़ के सहारे उन्होंने हर्रई बीईओ का प्रभार हासिल किया।
हैरानी की बात यह है कि इतने वर्षों में न तो प्रभार बदला गया और न ही विभाग ने कोई वैकल्पिक अधिकारी तलाशने की जरूरत समझी।

 राजनीतिक रसूख बना ढाल

शिकायतें बहुत, कार्रवाई शून्य

बीईओ के खिलाफ वर्षों से शिकायतों की लंबी फेहरिस्त है, लेकिन आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बताया जाता है कि एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता के निज सहायक से नजदीकी बनाकर उन्होंने अपने लिए राजनीतिक सुरक्षा कवच तैयार कर लिया है। यही कारण है कि अधिकारी भी कार्रवाई से बचते रहे।

नियम कहते हैं 3–5 साल, यहां बीत गए 15 साल

सरकारी सेवा नियमों के अनुसार किसी भी प्रशासकीय पद पर 3 से 5 वर्ष से अधिक एक ही अधिकारी को नहीं रखा जा सकता।
लेकिन हर्रई विकासखंड में यह नियम 15 वर्षों से कागजों में ही दफन है।

एकलव्य स्कूल से लेकर सीएम राइज तक सवालों के घेरे में

निष्पक्ष जांच हुई तो खुल सकते हैं बड़े राज

हर्रई विकासखंड के स्कूलों व छात्रावासों में—

  • निर्माण कार्यों में अनियमितता

  • सप्लाई घोटाले

  • सीएम राइज स्कूल में बिना विज्ञापन अतिथि शिक्षकों की भर्ती

  • पुराने भवन से निकली सामग्री की नियमविरुद्ध बिक्री

जैसे कई गंभीर आरोप सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके, हर जांच में क्लीन चिट दी जाती रही।

 शिक्षकों की चेतावनी

अब नहीं हुई निष्पक्ष जांच, तो आंदोलन होगा तेज

रैली में शामिल शिक्षकों ने साफ कहा कि यदि इस बार भी मामले को दबाने का प्रयास हुआ, तो वे जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

यह समाचार प्राप्त शिकायतों, दस्तावेजों एवं शिक्षक प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए ज्ञापन पर आधारित है। संबंधित पक्ष का पक्ष प्राप्त होने पर प्रकाशित किया जाएगा।

तहसील कार्यालय छिंदवाड़ा

https://www.jagran.com/bihar/patna-city-teachers-were-asked-to-pay-money-for-salary-arrears-corrupt-beo-and-accountant-were-caught-red-handed-in-rohtas-23967184.html

Dainikyashonnati

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!