माँ ज्वाला देवी का नवरात्र महापर्व: भक्ति, राष्ट्रप्रेम और आत्मनिर्भरता का विराट संगम
सिद्धपीठ बना जनजागरण का केन्द्र – “माँ की आराधना के साथ राष्ट्र की सेवा”

Seoni 28 September 2025
सिवनी यशो:- परतापुर रोड, भैरोगंज स्थित सिद्धपीठ माँ ज्वाला देवी मंदिर इस वर्ष शारदीय नवरात्र महापर्व पर केवल पूजा-अर्चना का स्थल नहीं, बल्कि भक्ति और राष्ट्रजागरण का केन्द्र बन चुका है। जगतजननी आदिशक्ति के चरणों में 209 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए, जिनकी दिव्य आभा नगर ही नहीं, बल्कि देशभर से आए श्रद्धालुओं की आस्था को आलोकित कर रही है।
नई दिल्ली, असम, हरियाणा, पुणे, मुंबई, कर्नाटक, सिकंदराबाद, नागपुर, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, छिंदवाड़ा, मंडला, बालाघाट सहित अनेक स्थानों से भक्तगण माता रानी के चरणों में शीश नवाकर राष्ट्र और समाज के कल्याण का संकल्प ले रहे हैं।

108वें सप्ताह का संगीतमय सुंदरकांड और भक्ति की गूंज
नवरात्रि के अवसर पर निरंतर चल रही साप्ताहिक संगीतमय परंपरा ने 27 सितंबर 2025 को 108वें सप्ताह का स्वर्णिम पड़ाव पार किया। हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के मधुर स्वरों ने वातावरण को दिव्यता और शक्ति से भर दिया।
बालाघाट-सिवनी सांसद श्रीमती भारती पारधी, नगर पालिका अध्यक्ष ज्ञानचंद सनोडिया, पूर्व विधायक नरेश दिवाकर सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने मंदिर प्रांगण पहुँचकर कार्यक्रम की निरंतरता और जनजागरण अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि—
“माँ की भक्ति के साथ स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का संकल्प ही राष्ट्र को सशक्त बनाएगा।”
भक्ति रस में झूमते श्रद्धालु – जागरण बना आलोक पर्व
मंदिर प्रांगण भक्ति गीतों की गूंज से झंकृत रहा।
हनुमान चालीसा के स्वर जैसे ही गूँजे, भक्तजन नृत्य करते हुए झूम उठे। रात्रि में हुआ विशाल देवी जागरण दिव्यता और आस्था का अद्भुत संगम बन गया।
वैदिक आचार्यों और संतों का सम्मान हुआ तथा महाप्रसाद वितरण से भक्ति और सेवा की परंपरा पूर्ण हुई।

स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प
माँ ज्वाला देवी मंदिर समिति ने नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर घोषणा की कि—
108वें सप्ताह से स्वदेशी एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान प्रारंभ होगा।
यह अभियान परिवारों की खुशहाली और राष्ट्र की समृद्धि के लिए निरंतर जनजागरण का माध्यम बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत संकल्प को आगे बढ़ाते हुए मंदिर समिति ने स्पष्ट संदेश दिया है—
“माँ की आराधना के साथ राष्ट्र की सेवा, भक्ति के साथ आत्मनिर्भरता।”

प्रमुख तिथियाँ
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अष्टमी पूजन – 29 सितंबर 2025, शाम 5 बजे (विशेष हवन)
✨ नवमी पूजन विशेष ✨
- तिथि: 30 सितंबर 2025 (मंगलवार)
- समय: दोपहर 2:00–3:00 बजे
- मौन आसन: मुख्य पुजारी खींले की आसन में बैठकर भक्तों को मनोकामना भेंट प्रदान करेंगे
- इसके पश्चात श्रद्धालु सवा किलो कपूर जलता खप्पर हाथ में लेकर हवन कुंड की परिक्रमा करेंगे
- शोभायात्रा: शाम 5:00 बजे मंदिर परिसर से कलश विसर्जन
- स्मृति-चिन्ह: कलश विसर्जन के बाद माता-बहनों को श्रृंगार सामग्री प्रदान की जाएगी
- भंडारा: शाम 7:00 बजे से मंदिर परिसर में महाप्रसाद
मंदिर समिति का आह्वान
“आइए, इस नवरात्रि माँ ज्वाला देवी के चरणों में दीप प्रज्वलित कर न केवल अपनी मनोकामनाएँ पूर्ण करें, बल्कि समाज और राष्ट्र की उन्नति के लिए भी संकल्प लें।”
आपका सपरिवार आगमन इस महापर्व को और अधिक दिव्य, भव्य और जागरणमय बनाएगा।
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